
TNR न्यूज़, रायपुर।
छत्तीसगढ़ के बीजापुर और तेलंगाना की सीमा से लगे दुर्गम जंगलों और पहाड़ियों में सुरक्षाबलों का नक्सल विरोधी अभियान लगातार सातवें दिन भी पूरे जोश के साथ जारी है। पेरमपल्ली और सेमलडोडी जैसे कठिन इलाकों से आज सुबह से रुक-रुक कर गोलियों की आवाजें सुनाई दे रही हैं। कर्रेगुट्टा और दुर्गम राजगुट्टा की ऊंची पहाड़ियों पर सुरक्षाबलों ने मजबूत मोर्चा संभाल रखा है।
खुफिया इनपुट के मुताबिक, मोस्ट वांटेड नक्सली कमांडर हिडमा, देवा और दामोदर जैसे शीर्ष नेता इन्हीं इलाकों में छिपे हो सकते हैं। इस आशंका के चलते ऑपरेशन को और तेज कर दिया गया है। सुरक्षाबल बेहद सतर्कता के साथ इलाके की घेराबंदी कर गहन सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं।
इस बीच तेलंगाना-छत्तीसगढ़ सीमा के करकागुडेम क्षेत्र में ग्रेहाउंड्स फोर्स और नक्सलियों के बीच भीषण मुठभेड़ हुई। इसमें दो महिला नक्सलियों सहित छह माओवादी मारे गए, जबकि तेलंगाना पुलिस के दो जवान घायल हो गए हैं।
बीते दिनों बीजापुर जिले में हुए एक आईईडी धमाके में भी सुरक्षाबलों को भारी नुकसान उठाना पड़ा, जिसमें आठ जवान शहीद हो गए थे। इस हमले के बाद से सुरक्षा एजेंसियां और भी आक्रामक मुद्रा में हैं।
अब तक इस व्यापक अभियान में 12 नक्सलियों को ढेर किया जा चुका है। इनमें से कई पर लाखों रुपये का इनाम घोषित था। मारे गए नक्सली बटालियन नंबर 1 और कंपनी नंबर 9 जैसे कुख्यात दस्तों से जुड़े थे।
सुरक्षाबलों ने इस ऑपरेशन के दौरान नक्सलियों के कई गुप्त ठिकानों को नष्ट किया और बड़ी मात्रा में हथियार, विस्फोटक सामग्री भी बरामद की है। जंगलों और पहाड़ियों में फैले इन अभियानों को देखते हुए अधिकारियों ने किसी भी बड़ी मुठभेड़ की आशंका को नकारा नहीं है और हर कदम बेहद रणनीतिक तरीके से उठाया जा रहा है।
क्या है आगे की रणनीति?
सुरक्षाबलों ने इस बार ऑपरेशन में न सिर्फ थलबलियों (जैसे DRG, कोबरा, CRPF) को उतारा है, बल्कि हवाई निगरानी और ड्रोन टेक्नोलॉजी का भी बखूबी इस्तेमाल हो रहा है। घने जंगलों में संभावित नक्सली मूवमेंट पर नजर रखने के लिए अत्याधुनिक उपकरण तैनात किए गए हैं।