11 सितम्बर 2025 का पंचांग: पितृपक्ष श्राद्ध और संकष्टी चतुर्थी का विशेष संयोग…TNR न्यूज़

11 सितम्बर 2025 का पंचांग, (गुरुवार)।

पंचांग (Panchang) हिंदू कैलेंडर का एक महत्वपूर्ण भाग है, जो किसी भी दिन के शुभ-अशुभ समय, ग्रहों की स्थिति और धार्मिक घटनाओं की जानकारी देता है। यह वैदिक ज्योतिष पर आधारित होता है और इसे पांच प्रमुख अंगों से मिलकर बनाया जाता है।

आज भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि है। पितृपक्ष का पावन समय चल रहा है, इसलिए पितरों को तर्पण और श्राद्ध का विशेष महत्व रहेगा। गुरुवार का दिन भगवान विष्णु और बृहस्पति देव की आराधना के लिए शुभ माना गया है।

 

पंचांग विवरण

तिथि – कृष्ण पक्ष चतुर्थी, पूरे दिन

पक्ष – कृष्ण पक्ष

मास – भाद्रपद मास

वार – गुरुवार

नक्षत्र – उत्तराभाद्रपद प्रातः 11:15 बजे तक, इसके बाद रेवती

योग – धृति योग रात्रि 12:35 बजे तक, इसके बाद शूल योग

करण – वणिज करण दोपहर 12:20 बजे तक, फिर विष्टि करण

 

सूर्य और चंद्र

सूर्योदय – प्रातः 6:00 बजे

सूर्यास्त – सायं 6:25 बजे

चंद्रोदय – प्रातः 8:15 बजे

चंद्रास्त – रात्रि 8:05 बजे

चंद्रमा की स्थिति – मीन राशि में

 

व्रत और त्योहार

पितृपक्ष श्राद्ध

संकष्टी चतुर्थी व्रत (गणपति की उपासना एवं चंद्र दर्शन)

गुरुवार का व्रत (बृहस्पति देव की पूजा)

 

आज का विशेष

आज पितरों के तर्पण से पारिवारिक सुख-शांति और संतानों की प्रगति का आशीर्वाद प्राप्त होता है। संकष्टी चतुर्थी होने से गणपति उपासना भी अत्यंत फलदायी रहेगी। चंद्रमा का दर्शन करके व्रत का पारण करने का विधान है। गुरुवार के दिन व्रत करने और विष्णु पूजन से धन और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

 

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