
TNR न्यूज़, रायपुर।
अक्षय तृतीया, जिसे ‘आखा तीज’ के नाम से भी जाना जाता है, हर वर्ष वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाया जाता है। यह दिन हिंदू पंचांग में सबसे शुभ तिथियों में से एक माना जाता है, जहां किसी भी शुभ कार्य के लिए मुहूर्त देखने की आवश्यकता नहीं होती।
अक्षय तृतीया की शुरुआत – संक्षेप में:
इस पर्व की जड़ें वैदिक युग में हैं। मान्यता है कि इसी दिन त्रेता युग का आरंभ हुआ था। भगवान विष्णु ने परशुराम रूप में अवतार लिया था। महाभारत के लेखन की शुरुआत भी इसी दिन वेदव्यास द्वारा श्रीगणेश से करवाई गई थी। जैन धर्म में यह दिन विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव ने 13 महीने की तपस्या के बाद इसी दिन गन्ने के रस से पारण किया था।
धार्मिक मान्यता और महत्व:
अक्षय का अर्थ है – जिसका कभी क्षय न हो। इस दिन किए गए दान, जप, तप और शुभ कार्यों का फल अनंत गुना बढ़ता है। यह दिन माता लक्ष्मी, भगवान विष्णु और भगवान परशुराम की आराधना के लिए विशेष माना जाता है।
सोने-चांदी की खरीदारी का खास दिन:
अक्षय तृतीया पर सोना-चांदी खरीदना अत्यंत शुभ माना जाता है। इसे समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। लोग न सिर्फ आभूषण, बल्कि आजकल फ्लैट, वाहन, बिज़नेस इन्वेस्टमेंट जैसे बड़े निर्णय भी इसी दिन लेते हैं।
आधुनिक युग में बदलता स्वरूप:
जहां पहले यह दिन केवल धार्मिक और पारंपरिक रस्मों के लिए जाना जाता था, वहीं अब डिजिटल जमाने में अक्षय तृतीया ई-कॉमर्स और ऑनलाइन बैंकों के लिए एक खास अवसर बन गया है। कई कंपनियां इस दिन पर खास ऑफर्स और डिस्काउंट्स देती हैं। साथ ही, निवेश के विकल्प जैसे डिजिटल गोल्ड, म्यूचुअल फंड्स, और SIP भी लोकप्रिय हो रहे हैं।
संयुक्त परिवारों की संस्कृति में नई ऊर्जा:
अक्षय तृतीया केवल एक खरीदारी का दिन नहीं, बल्कि यह रिश्तों की मिठास और परिवारों की एकता का पर्व भी बन चुका है। इस दिन परिवारों में सामूहिक पूजा, कथा और भोजन का आयोजन होता है।
कैसे मनाएं अक्षय तृतीया:
प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
लक्ष्मी-नारायण की पूजा करें और श्रीसूक्त का पाठ करें।
जरूरतमंदों को जल, अन्न, वस्त्र और धन का दान करें।
इस दिन किसी नए कार्य की शुरुआत करना विशेष फलदायी माना जाता है।
अक्षय तृतीया न केवल धार्मिक श्रद्धा का पर्व है, बल्कि यह जीवन में सकारात्मकता, निवेश और संस्कारों की पुनर्स्थापना का भी एक सुंदर अवसर है। आइए, इस अक्षय तृतीया पर हम सभी अपने जीवन में अक्षय ऊर्जा और सद्भावना का संचार करें।