
TNR न्यूज़, रायपुर।
छत्तीसगढ़ में भारतमाला परियोजना के तहत हुए कथित मुआवजा घोटाले को लेकर आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) ने बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। कुल 324 करोड़ रुपये के इस घोटाले की जांच के तहत प्रदेशभर में एक साथ 20 से अधिक ठिकानों पर छापे मारे गए हैं। यह कार्रवाई राजधानी रायपुर समेत दुर्ग, भिलाई, आरंग और अन्य जिलों में जारी है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, जिन स्थानों पर छापेमारी की गई है, वे सभी सीधे तौर पर या परोक्ष रूप से इस घोटाले से जुड़े हो सकते हैं। हालांकि, फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि किन-किन व्यक्तियों या अधिकारियों के यहां यह कार्रवाई हुई है। अधिकारियों का कहना है कि जांच के चलते विस्तृत जानकारी फिलहाल साझा नहीं की जा सकती।
यह मामला तब सामने आया था जब भारतमाला प्रोजेक्ट के लिए भूमि अधिग्रहण में अनियमितताओं की शिकायतें मिली थीं। मुआवजा वितरण में फर्जी दस्तावेजों और गलत वर्गीकरण के जरिए करोड़ों रुपये के गबन का आरोप लगाया गया है। इससे पहले भी कुछ संबंधित अधिकारियों पर विभागीय कार्रवाई की जा चुकी है।
इस घोटाले की गूंज विधानसभा के बजट सत्र तक भी पहुंची थी, जहां नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने इस गंभीर प्रकरण की सीबीआई से जांच कराने की मांग की थी। हालांकि, राज्य सरकार ने उस समय सीबीआई जांच को नकारते हुए जांच की जिम्मेदारी EOW को सौंपी थी।
हाल ही में एक बार फिर नेता प्रतिपक्ष ने प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखकर सीबीआई जांच की मांग दोहराई है। उधर, कांग्रेस इस मामले को लेकर अब उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की तैयारी में है। ऐसे में EOW की यह अचानक हुई कार्रवाई राज्य की राजनीति और प्रशासनिक हलकों में हलचल पैदा कर गई है।
जानकारों का मानना है कि यह घोटाला न केवल आर्थिक दृष्टि से बल्कि प्रशासनिक पारदर्शिता और जवाबदेही के लिहाज़ से भी एक बड़ा सवाल खड़ा करता है। अब देखना यह होगा कि इस छापेमारी के बाद जांच किस दिशा में बढ़ती है और क्या दोषियों को कानून के कठघरे तक लाया जा सकेगा।