TNR न्यूज़, रायपुर। छत्तीसगढ़ में इस साल गर्मी का प्रकोप समय से पहले ही महसूस किया जाने लगा है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि इस बार राज्य में तापमान पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ सकता है। इसके पीछे मुख्य वजह ला नीना का प्रभाव बताया जा रहा है, जिससे इस बार गर्मी सामान्य से अधिक रहने की संभावना है।
मार्च में ही अप्रैल जैसी गर्मी!
मौसम विभाग के अनुसार, मार्च के महीने में ही तापमान सामान्य से 2-4 डिग्री अधिक दर्ज किया जा सकता है। अगले कुछ दिनों में तापमान में और वृद्धि होने की आशंका है। राज्य के प्रमुख शहरों जैसे रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग और राजनांदगांव में अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है।
फसलों पर भारी पड़ सकती है असमय गर्मी
अचानक बढ़ती गर्मी का असर गेहूं, चना, सरसों जैसी फसलों पर पड़ सकता है। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि अत्यधिक गर्मी से फसलों की गुणवत्ता प्रभावित होगी और उत्पादन में गिरावट आ सकती है।
गेहूं और चना: तेज़ गर्मी के कारण समय से पहले पकने का खतरा, जिससे उपज घट सकती है।
सरसों: तेल की मात्रा कम होने की संभावना।
सब्जियां और फल: गर्म हवाओं से सूख सकते हैं, जिससे किसानों को भारी नुकसान हो सकता है।
बढ़ सकती है जल संकट की समस्या
नमी की कमी और बढ़ती गर्मी के कारण किसानों को अधिक सिंचाई की आवश्यकता होगी। इसका सीधा असर जलस्तर पर पड़ सकता है, जिससे आने वाले महीनों में जल संकट गहराने की संभावना है।
स्वास्थ्य पर भी पड़ेगा असर
अचानक बढ़ते तापमान से लू लगने, डिहाइड्रेशन और हीट स्ट्रोक जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं। डॉक्टरों की सलाह है कि लोग धूप में निकलने से बचें और अधिक मात्रा में पानी पीकर खुद को हाइड्रेट रखें।
क्या करें बचाव के लिए?
घर से निकलते समय सिर ढकें और हल्के रंग के कपड़े पहनें।
दिनभर में अधिक से अधिक पानी और तरल पदार्थों का सेवन करें।
किसानों को सलाह दी गई है कि वे सिंचाई का सही प्रबंधन करें और फसलों को गर्मी से बचाने के लिए मल्चिंग तकनीक अपनाएं।
मौसम विभाग की मानें तो आने वाले महीनों में गर्मी और अधिक तीव्र हो सकती है। ऐसे में प्रशासन और नागरिकोंको अभी से सतर्क रहने की जरूरत है।