TNR न्यूज़, पेंड्रा (छत्तीसगढ़), 2 मार्च 2025: नगर पालिका परिषद पेंड्रा के असेम्बली हॉल हाई स्कूल में आज नवनिर्वाचित अध्यक्ष और पार्षदों का शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में पूर्व कैबिनेट मंत्री जयसिंह अग्रवाल भी शामिल हुए, लेकिन शपथ लेने वालों की सूची बेहद सीमित रही। केवल नवनिर्वाचित निर्दलीय अध्यक्ष राकेश जालान और एक निर्दलीय पार्षद ने ही शपथ ग्रहण की, जबकि भाजपा-कांग्रेस के 13 पार्षदों और एक निर्दलीय पार्षद ने समारोह का बहिष्कार किया।

राजनीतिक मतभेद के चलते कार्यक्रम का बहिष्कार

दरअसल, नवनिर्वाचित अध्यक्ष राकेश जालान, चुनाव से पहले कांग्रेस के ही सदस्य थे। जब उन्हें पार्टी से टिकट नहीं मिला, तो उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा और कांग्रेस प्रत्याशी को 199 वोटों के अंतर से हराकर जीत हासिल की। इतना ही नहीं, उन्होंने पूरे चुनावी अभियान के दौरान कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ काम किया, जिससे पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा। इस बगावत को देखते हुए कांग्रेस ने राकेश जालान समेत 13 कार्यकर्ताओं को निष्कासित कर दिया।

हालांकि, चुनाव परिणाम घोषित होने के 14 दिनों के भीतर ही कांग्रेस ने इन निष्कासित नेताओं को दोबारा पार्टी में शामिल कर लिया। इस फैसले से पार्टी के अंदर गहरी नाराजगी देखी गई और कांग्रेस के 6 नवनिर्वाचित पार्षदों ने शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार कर दिया। इसके अलावा, भाजपा के 7 पार्षदों और एक निर्दलीय पार्षद ने भी इस समारोह से दूरी बना ली। भाजपा पार्षदों को पेंड्रा के विधायक अमर अग्रवाल का समर्थन प्राप्त था, और वे उनके साथ नजर आए।

पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल का बयान

शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए पूर्व कैबिनेट मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने कहा कि,

“जो भी व्यक्ति किसी पद पर बैठता है, उसकी कार्यक्षमता ही सबसे महत्वपूर्ण होती है। राकेश जालान पहले भी निर्दलीय अध्यक्ष बने थे, और जब कांग्रेस में शामिल हुए, तब भी उन्होंने अच्छा काम किया। आगे भी वह बेहतर कार्य करेंगे। कांग्रेस के जो अध्यक्ष और पदाधिकारी हैं, उन्हें मेरा खुला समर्थन रहेगा।”

कांग्रेस के भीतर बढ़ता असंतोष

कांग्रेस के नाराज पार्षदों और कार्यकर्ताओं ने स्पष्ट कर दिया कि नगर पालिका परिषद पेंड्रा में कांग्रेस विपक्ष की भूमिका निभाएगी। उनका कहना है कि,

“नगर पालिका का अध्यक्ष निर्दलीय है, वह कांग्रेस पार्टी का सदस्य नहीं है। इसलिए पार्टी अब विपक्ष की भूमिका में रहेगी।”

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह विवाद आने वाले समय में और गहरा सकता है, जिससे नगर पालिका के प्रशासन और विकास कार्यों पर असर पड़ सकता है।

भविष्य की राजनीति पर असर

कांग्रेस के अंदरूनी मतभेदों ने पार्टी की एकजुटता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

भाजपा इस राजनीतिक असंतोष का फायदा उठाकर अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश कर सकती है।

राकेश जालान के नेतृत्व में नगर पालिका कैसे कार्य करती है, इस पर सभी की नजरें टिकी रहेंगी।

शपथ ग्रहण समारोह में हुए इस राजनीतिक घटनाक्रम से पेंड्रा की राजनीति में नए समीकरण उभरने के संकेत मिल रहे हैं।

 

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