TNR न्यूज़, रायपुर। राजधानी रायपुर के एक प्रतिष्ठित निजी होटल में बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है, जहां शाकाहारी भोजन के तहत जैन समाज के लोगों को चिकन सूप परोस दिया गया। यह घटना तेलीबांधा स्थित होटल ट्राईटन में हुई, जहां जैन समुदाय के लोगों द्वारा एक इवेंट का आयोजन किया गया था।

कैसे हुआ विवाद?

इवेंट में बफे सिस्टम के तहत भोजन परोसा जा रहा था। इसी दौरान जब मेहमानों ने सूप लिया, तो उसमें संदेह होने पर उन्होंने होटल स्टाफ से पूछताछ की। चौंकाने वाली बात यह रही कि सूप का टैग “वेज” था, लेकिन स्वाद और गंध से शक होने पर जब इसकी जांच की गई, तो पता चला कि वह चिकन सूप था।

 

हंगामा और होटल प्रबंधन का रवैया

सच्चाई सामने आते ही जैन समाज के लोगों में भारी आक्रोश फैल गया। उन्होंने होटल प्रबंधन से शिकायत की, लेकिन आरोप है कि होटल प्रशासन ने अपनी गलती स्वीकार करने के बजाय टालमटोल का रवैया अपनाया। होटल के इस गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार से लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हुईं और मौके पर तनाव की स्थिति बन गई।

 

जैन समाज ने जताई कड़ी आपत्ति

जैन समाज के लोगों का कहना है कि वे पूर्ण रूप से शाकाहारी होते हैं और उनके लिए मांसाहारी भोजन किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं है। इस गंभीर लापरवाही को लेकर समाज के प्रतिनिधियों ने होटल प्रबंधन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।

 

लापरवाही पर उठे सवाल

होटल जैसे प्रतिष्ठानों में खाने-पीने की चीजों को लेकर इतनी बड़ी गलती कैसे हो सकती है?

क्या होटल स्टाफ को यह भी जानकारी नहीं थी कि शाकाहारी और मांसाहारी भोजन को अलग-अलग रखना आवश्यक है?

क्या यह सिर्फ लापरवाही थी, या फिर जानबूझकर की गई गलती?

प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग

इस घटना से न सिर्फ जैन समुदाय बल्कि अन्य शाकाहारी लोगों में भी आक्रोश है। कई संगठनों ने इस लापरवाही की कड़ी निंदा करते हुए होटल प्रबंधन पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।

 

क्या कहता है कानून?

अगर कोई होटल जानबूझकर शाकाहारी लोगों को मांसाहारी भोजन परोसता है, तो यह धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का मामला बन सकता है। भारतीय न्याय संहिता (BNS) की संबंधित धाराओं के तहत इस पर कानूनी कार्रवाई भी संभव है।

 

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