
TNR न्यूज़, रायपुर।
राजधानी में आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा (EOW) ने भारतमाला परियोजना के तहत भूमि अधिग्रहण में हुए व्यापक घोटाले के खुलासे के बाद बड़ी कार्रवाई करते हुए चार प्रमुख आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों में हरमीत खनूजा, उमा तिवारी, केदार तिवारी और विजय जैन के नाम शामिल हैं। सभी आरोपियों को विशेष अदालत में पेश किया गया, जहां EOW द्वारा मांगी गई सात दिन की पुलिस रिमांड को अदालत ने स्वीकृति दे दी है।
सूत्रों के अनुसार, भारतमाला परियोजना के तहत अधिग्रहित की जा रही जमीनों के दस्तावेजों में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा किया गया था। आरोपियों ने एक ही भूमि पर कई अलग-अलग व्यक्तियों का स्वामित्व दर्शाकर मुआवजे की राशि में धांधली की। इस तरीके से सरकारी खजाने को करोड़ों रुपये का नुकसान पहुंचाया गया और भारी धनराशि का अनुचित तरीके से वितरण किया गया।
EOW की टीम ने शुक्रवार को रायपुर समेत कई स्थानों पर समन्वित छापेमारी अभियान चलाया। इस दौरान बड़ी मात्रा में दस्तावेजी साक्ष्य और डिजिटल डाटा जब्त किया गया है, जो इस भूमि अधिग्रहण घोटाले में संलिप्तता की पुष्टि करते हैं। अधिकारियों के अनुसार, बरामद साक्ष्यों के आधार पर पूछताछ जारी है, और आने वाले दिनों में और भी बड़े खुलासे होने की संभावना है।
भारतमाला परियोजना केंद्र सरकार की एक महत्त्वाकांक्षी योजना है, जिसका उद्देश्य देशभर में सड़क परिवहन ढांचे को मजबूती प्रदान करना है। ऐसे में भूमि अधिग्रहण के दौरान हुए इस तरह के घोटाले ने परियोजना की पारदर्शिता और प्रशासनिक जवाबदेही पर गंभीर प्रश्नचिह्न खड़े कर दिए हैं।
EOW अधिकारियों ने संकेत दिया है कि प्रारंभिक जांच के दौरान कुछ और नाम भी सामने आए हैं, जिन पर संलिप्तता के संदेह के आधार पर जल्द ही कार्रवाई की जा सकती है। साथ ही, इस प्रकरण में शामिल सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों की भूमिका की भी बारीकी से जांच की जा रही है।
विशेष अदालत द्वारा आरोपियों को सात दिन की पुलिस हिरासत में भेजे जाने के बाद EOW को उम्मीद है कि इस घोटाले से जुड़े और गहरे नेटवर्क का पर्दाफाश किया जा सकेगा। अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए सभी पहलुओं की गहनता से जांच की जा रही है।