
TNR न्यूज़, राजिम।
छत्तीसगढ़ के फिंगेश्वर क्षेत्र में जल संकट ने किसानों की परेशानी को चरम पर पहुँचा दिया है। रबी फसल के लिए नहर से सिंचाई की सुविधा न मिलने से खेतों में खड़ी फसलें सूखने की कगार पर पहुँच गई हैं। इसी मुद्दे को लेकर इलाके के किसान ग्राम बेलर में सिंचाई विभाग के कार्यालय के सामने बीते 5 घंटे से भी अधिक समय से धरने पर बैठे हैं।
किसानों का कहना है कि उन्होंने समय पर बुवाई की थी और फसल अब पानी की सबसे ज्यादा मांग वाले दौर में है, लेकिन नहरों में जल प्रवाह पूरी तरह ठप है। इस वजह से उनकी मेहनत पर पानी फिरने का खतरा मंडरा रहा है। हालात इतने गंभीर हो गए कि नाराज किसानों ने सिंचाई विभाग के एसडीओ को गांव में ही रोक लिया और तब तक उन्हें छोड़े जाने से इनकार कर दिया, जब तक जलाशय से पानी छोड़े जाने की ठोस घोषणा नहीं हो जाती।
इस अप्रत्याशित स्थिति से प्रशासन में हड़कंप मच गया है। अधिकारियों की टीम मौके पर पहुंचकर किसानों को समझाने की कोशिश कर रही है, लेकिन किसान अपनी मांग पर अड़े हुए हैं। उनका साफ कहना है कि अगर जल्द ही पानी नहीं छोड़ा गया, तो उनकी पूरी फसल नष्ट हो जाएगी, जिससे भारी आर्थिक नुकसान होगा।
प्रशासन की स्थिति और अगला कदम
सूत्रों के मुताबिक, जलाशयों में पानी की उपलब्धता को लेकर विभागीय स्तर पर कुछ तकनीकी या प्रशासनिक अड़चनें हैं, जिसकी वजह से जल आपूर्ति रुकी हुई है। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि किसानों की मांग कितनी जल्दी पूरी की जा सकेगी। प्रशासन अब स्थिति को सुलझाने के लिए उच्च अधिकारियों से मार्गदर्शन ले रहा है।
किसानों का कहना
धरनास्थल पर मौजूद एक किसान ने बताया, “हमने पूरी मेहनत से खेत तैयार किए हैं, खाद डाली है, बीज बोया है। लेकिन पानी के बिना सब बेकार जा रहा है। अगर सरकार समय रहते नहीं जागी तो हम बर्बाद हो जाएंगे।”
फिलहाल हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं, और यह साफ है कि यदि जल्द समाधान नहीं निकला तो यह आंदोलन और तेज हो सकता है। यह घटना न केवल जल प्रबंधन व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों की समस्याएं कितनी गंभीर हो सकती हैं, जब उन्हें मूलभूत संसाधनों से भी वंचित कर दिया जाता है।