
TNR न्यूज़, रायपुर।
निर्माण कार्यों की धीमी रफ्तार: सांसद निधि का उपयोग बेहद कम
प्रदेश में निर्माण एजेंसियों की धीमी कार्यशैली ने सांसदों द्वारा अनुशंसित परियोजनाओं की प्रगति को बुरी तरह प्रभावित किया है। ताजा आंकड़ों के अनुसार, लोकसभा और राज्यसभा सांसदों द्वारा सुझाए गए 1371 कार्यों में से मात्र 101 कार्य ही पूरे हो पाए हैं, जबकि 1270 कार्य अब भी अधूरे हैं।
नए दिशा-निर्देशों के तहत सांसदों को एकमुश्त 5 करोड़ रुपये की निधि प्रदान की जाती है। यदि समय पर कार्य पूर्ण नहीं होते, तो इस निधि का अगले वित्तीय वर्ष में भी उपयोग संभव होता है। इसके बावजूद, 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद चुने गए सांसदों में से केवल रायपुर से सांसद बृजमोहन अग्रवाल ही ऐसे रहे, जिन्होंने पूरे 5 करोड़ रुपये का उपयोग कर कार्यों को आगे बढ़ाया है।
राज्यसभा सांसदों का प्रदर्शन
राज्यसभा सांसदों में फूलोदेवी नेताम सबसे आगे रहीं। उन्होंने 154 कार्यों पर 16 करोड़ 50 लाख रुपये खर्च कर शीर्ष स्थान हासिल किया। उनके बाद केटीएस तुलसी ने 201 कार्यों के लिए 13 करोड़ 18 लाख रुपये से अधिक खर्च किए। रंजीत रंजन ने 193 कार्यों पर 14 करोड़ 47 लाख रुपये खर्च किए, जबकि राजीव शुक्ला ने मात्र 2 कार्यों पर 5 करोड़ 70 लाख रुपये का व्यय किया। वहीं देवेंद्र प्रताप सिंह अब तक कोई कार्य स्वीकृत नहीं करवा सके हैं। उन्होंने कहा कि जनता के हित में जरूरी कार्यों का अध्ययन कर निर्णय लिया जाएगा।
फंड के उपयोग का हाल
एमपीएलएडीएस पोर्टल के आंकड़े बताते हैं कि प्रदेश के लोकसभा सांसदों को केंद्र सरकार से 107 करोड़ 80 लाख रुपये का फंड प्राप्त हुआ था, जिसमें से अब तक केवल 43 करोड़ 28 लाख रुपये खर्च हो सके हैं। राज्यसभा सांसदों को 78 करोड़ 65 लाख रुपये की राशि मिली थी, जिसमें से 49 करोड़ 87 लाख रुपये का उपयोग हुआ है।
लोकसभा सांसदों ने कुल 821 कार्यों के लिए निधि स्वीकृत कराई थी, लेकिन अब तक सिर्फ 35 कार्य ही पूरे हो सके हैं। राज्यसभा सांसदों द्वारा स्वीकृत 550 कार्यों में से मात्र 66 कार्य ही पूर्ण हो पाए हैं।
जमीनी हकीकत: किस सांसद ने कितना किया खर्च
रायपुर के सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने 69 कार्यों के लिए 5 करोड़ रुपये की पूरी राशि खर्च कर अन्य सांसदों के लिए उदाहरण पेश किया। दूसरी ओर राजनांदगांव से सांसद संतोष पांडेय ने केवल 14 कार्यों के लिए 76 लाख 49 हजार रुपये की अनुशंसा कर सबसे कम प्रगति दर्ज की।
रायगढ़ से सांसद राधेश्याम राठिया ने 72 कार्यों पर 4 करोड़ 89 लाख रुपये की स्वीकृति दी है, जबकि दुर्ग के सांसद विनय बघेल ने 61 कार्यों पर 1 करोड़ 81 लाख रुपये खर्च किए हैं। कोरबा की सांसद ज्योत्सना महंत ने 134 कार्यों के लिए 4 करोड़ 54 लाख रुपये का व्यय किया।
कांकेर से भोजराज नाग ने 55 कार्यों के लिए 3 करोड़ 97 लाख रुपये, जांजगीर-चांपा से कमलेश जंगी ने 61 कार्यों पर 4 करोड़ 83 लाख रुपये, महासमुंद से रूपकुमारी चौधरी ने 66 कार्यों के लिए 3 करोड़ 47 लाख रुपये और बिलासपुर से तोखन साहू ने 72 कार्यों के लिए 4 करोड़ 89 लाख रुपये का उपयोग किया है।
बस्तर से महेश कश्यप ने 86 कार्यों के लिए 4 करोड़ 48 लाख रुपये तथा सरगुजा से चिंतामणि महाराज ने 149 कार्यों के लिए 4 करोड़ 60 हजार रुपये की अनुशंसा की है।