
TNR न्यूज़, बिलासपुर। जिले के मस्तूरी विकासखंड स्थित शासकीय हाई स्कूल सोन में पदस्थ व्याख्याता नवरतन जायसवाल को आखिरकार सेवा से बर्खास्त कर दिया गया। यह कार्रवाई उस गंभीर अनियमितता के चलते की गई, जिसमें उन्होंने नौकरी के लिए आवेदन करते समय अपनी जीवित संतानों की संख्या को लेकर गलत जानकारी दी थी।
यह मामला वर्ष 2021 से जांचाधीन था और तीन वर्षों तक चली कानूनी प्रक्रिया व गहन जांच के बाद 3 अप्रैल 2025 को छत्तीसगढ़ लोक शिक्षण संचालनालय ने उन्हें पद से बर्खास्त करने का निर्णय लिया।
क्या था मामला?
नवरतन जायसवाल की नियुक्ति वर्ष 2011 में शिक्षाकर्मी वर्ग-01 के पद पर हुई थी। नियुक्ति के समय उन्होंने अपने प्रपत्रों में केवल दो जीवित संतानों की जानकारी दी थी। लेकिन बाद की जांच में यह स्पष्ट हुआ कि उनकी कुल चार जीवित संतानें हैं, जिनमें से दो का जन्म 26 जनवरी 2001 के बाद हुआ है।
छत्तीसगढ़ के सेवा नियमों के अनुसार, यदि किसी अभ्यर्थी की दो से अधिक जीवित संतानें हैं और उनमें से कोई एक संतान 26 जनवरी 2001 या उसके बाद जन्मी हो, तो उसकी सरकारी सेवा में नियुक्ति अमान्य मानी जाती है।
जांच और प्रक्रिया
शिकायत वर्ष 2021 में छत्तीसगढ़ लोक आयोग में दर्ज कराई गई थी, जिसके बाद लोक शिक्षण संचालनालय ने मामले की जांच का जिम्मा पहले जिला शिक्षा अधिकारी, बिलासपुर और फिर संभागीय संयुक्त संचालक को सौंपा। जांच के दौरान जायसवाल को कारण बताओ नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण का अवसर भी दिया गया।
नवरतन जायसवाल की ओर से बचाव में यह तर्क रखा गया कि उन्होंने दो संतानों को गोदनामा के माध्यम से अन्यत्र सौंप दिया है, लेकिन संचालनालय ने इसे खारिज कर दिया। विभाग का स्पष्ट मत था कि किसी संतान का जन्म और उसका जीवित होना ही नियम उल्लंघन के लिए पर्याप्त आधार है। गोदनामे से वास्तविकता नहीं बदलती।
सख्त निर्णय और संदेश
सभी स्तरों की जांच में दोष प्रमाणित होने के बाद, 3 अप्रैल 2025 को बर्खास्तगी का आदेश जारी किया गया। शिक्षा विभाग के इस निर्णय को राज्य में सेवा नियमों की सख्ती से पालना और पारदर्शिता की दिशा में एक मजबूत कदम माना जा रहा है।
यह प्रकरण न केवल सरकारी सेवा में नैतिक मूल्यों की अनिवार्यता को रेखांकित करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि नियमों से ऊपर कोई नहीं है। यह उदाहरण साफ तौर पर बताता है कि झूठ या तथ्य छुपाने की कोई भी कोशिश लंबे समय तक टिक नहीं सकती और इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।