TNR न्यूज़, कबीरधाम: साइबर अपराधों पर शिकंजा कसते हुए फर्जी सिम सप्लाई करने वाले मास्टर सप्लायर करन चंद्राकर को गिरफ्तार कर लिया है। इससे पहले, पुलिस ने दो एजेंटों – भूपेंद्र जोशी और दुष्यंत जोशी को गिरफ्तार किया था, जो फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सिम कार्ड जारी कर साइबर अपराधियों को बेचते थे। इनकी गिरफ्तारी के बाद मिली अहम जानकारी के आधार पर करन चंद्राकर को बेमेतरा जिले से गिरफ्तार किया गया।

100 से अधिक फर्जी सिम कार्ड की सप्लाई का खुलासा

पूछताछ में करन चंद्राकर ने स्वीकार किया कि वह उत्तर प्रदेश में सक्रिय एक साइबर ठगी गिरोह के मास्टरमाइंड के संपर्क में था और अब तक 100 से अधिक फर्जी सिम कार्ड उसे कोरियर के माध्यम से भेज चुका था। करन चंद्राकर खुद भी फर्जी आधार कार्ड तैयार कर अलग-अलग नामों से सिम कार्ड एक्टिवेट कर रहा था। पुलिस को उसके पास से 13 फर्जी आधार कार्ड बरामद हुए, जिनमें –

एक ही व्यक्ति की तस्वीर थी,

लेकिन नाम, आधार नंबर और पता अलग-अलग थे।

इन्हीं फर्जी दस्तावेजों के जरिए बड़ी संख्या में सिम कार्ड खरीदे गए और साइबर ठगों को सप्लाई किए गए।

फर्जी सिम कार्ड गिरोह का भंडाफोड़ – ऐसे हुआ खुलासा

कबीरधाम पुलिस ने साइबर अपराधों पर रोकथाम के लिए एक विशेष जांच टीम बनाई थी। इस टीम ने जब भूपेंद्र और दुष्यंत से गहन पूछताछ की, तो उन्होंने मास्टर सप्लायर करन चंद्राकर का नाम बताया। इसके बाद –

तकनीकी विश्लेषण और गुप्त सूचना के आधार पर करन चंद्राकर की लोकेशन ट्रैक की गई।

बेमेतरा जिले से उसे गिरफ्तार कर लिया गया।

पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि वह लंबे समय से फर्जी सिम कार्ड साइबर ठगों को बेच रहा था।

पहले भूपेंद्र और दुष्यंत उसके माध्यम से काम करते थे, लेकिन बाद में वे मास्टरमाइंड से सीधे संपर्क में आ गए, जिससे करन चंद्राकर को नजरअंदाज किया जाने लगा।

करन चंद्राकर – मास्टर सप्लायर कैसे बना?

करन चंद्राकर शुरू में अकेले ही यह अपराध कर रहा था, लेकिन जब उसने इसे मुनाफे का सौदा समझा, तो भूपेंद्र और दुष्यंत को भी इस गिरोह में शामिल कर लिया। बाद में, दोनों ने खुद मास्टरमाइंड से संपर्क कर सीधे सिम कार्ड सप्लाई करना शुरू कर दिया, जिससे करन चंद्राकर की भूमिका कम हो गई।

हालांकि, कबीरधाम पुलिस की जांच में यह पूरी साजिश सामने आ गई, और अब तक तीन गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। इस गिरोह के मुख्य सरगना की पहचान भी कर ली गई है और जल्द ही उसे भी गिरफ्तार किया जाएगा।

मामले में दर्ज धाराएं और पुलिस कार्रवाई

इस मामले में थाना कवर्धा प्रभारी निरीक्षक लालजी सिन्हा के नेतृत्व में साइबर सेल प्रभारी निरीक्षक मनीष मिश्रा और उनकी टीम ने कार्रवाई की।

मामले में अपराध क्रमांक 91/2025 के तहत –

धारा 318(4), 61(2) भारतीय न्याय संहिता (BNS)

धारा 66(सी) IT Act के तहत मामला दर्ज किया गया है।

 

Similar Posts