TNR न्यूज़, रायपुर। नगर निगम रायपुर के शपथ ग्रहण समारोह से पहले ही सियासी सरगर्मी तेज हो गई है। गंगाजल से नगर निगम के शुद्धिकरण के मुद्दे को लेकर राजनीति गर्मा गई है। पूर्व महापौर एजाज ढेबर ने इस कदम की कड़ी आलोचना करते हुए इसे “सभी वर्गों के पार्षदों का अपमान” बताया।

शपथ ग्रहण में आमंत्रण पर सवाल

पूर्व महापौर ढेबर ने आरोप लगाया कि शपथ ग्रहण कार्यक्रम में पूर्व महापौर, पूर्व सभापति और कांग्रेस पार्षदों को आमंत्रित करने की औपचारिकता भी ठीक से नहीं निभाई गई। उन्होंने कहा, “प्रोटोकॉल के तहत हमें फोन करके आमंत्रित किया जाना चाहिए था, लेकिन किसी भी कांग्रेस पार्षद को कॉल नहीं किया गया। केवल शपथ ग्रहण का कार्ड भेजकर औपचारिकता निभाई गई, ऐसे में हमारे वहां जाने का सवाल ही नहीं उठता।”

“बड़े नेताओं के दबाव में फैसले ले रही हैं मीनल चौबे”

ढेबर ने महापौर मीनल चौबे को बधाई देते हुए कटाक्ष किया कि वह किसी “बड़े नेता” के दबाव में निर्णय ले रही हैं। उन्होंने कहा कि नगर निगम की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता और निष्पक्षता होनी चाहिए, लेकिन यह पूरी प्रक्रिया पक्षपातपूर्ण प्रतीत हो रही है।

आज दोपहर होगा शपथ ग्रहण समारोह

रायपुर नगर निगम के नवनिर्वाचित महापौर और पार्षदों का शपथ ग्रहण समारोह आज दोपहर 3 बजे इंडोर स्टेडियम में आयोजित किया जाएगा। इस कार्यक्रम में प्रमुख राजनीतिक हस्तियों की उपस्थिति रहेगी, जिनमें—

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह

केन्द्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू

उपमुख्यमंत्री अरुण साव व विजय शर्मा

अन्य मंत्रीगण, सांसद और विधायक शामिल होंगे।

गंगाजल शुद्धिकरण पर मचा घमासान

नगर निगम परिसर को गंगाजल से शुद्ध करने के फैसले ने विवाद को और भड़का दिया है। कांग्रेस इसे असंवैधानिक और असंवेदनशील करार दे रही है, जबकि बीजेपी इसे “पवित्रता का प्रतीक” बता रही है। इस मुद्दे पर नगर निगम में विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच टकराव की स्थिति बनती नजर आ रही है।

क्या आगे बढ़ेगा विवाद?

शपथ ग्रहण से पहले शुरू हुई यह सियासत आगे और गहराने की संभावना है। कांग्रेस पार्षदों का बहिष्कार और गंगाजल शुद्धिकरण पर सवाल उठने से नगर निगम में आने वाले दिनों में नई राजनीतिक उठा-पटक देखने को मिल सकती है।

 

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