
TNR न्यूज़, रायपुर।
छत्तीसगढ़ जल संसाधन विभाग द्वारा निर्माण कार्यों की दरों के निर्धारण के लिए संशोधित दर अनुसूची (एस.ओ.आर. – Schedule of Rates) 2025 का विमोचन आज राजधानी में हुआ। इस दर अनुसूची का अनावरण राज्य के जल संसाधन मंत्री केदार कश्यप की गरिमामयी उपस्थिति में संपन्न हुआ।
नई दर अनुसूची 1 मई 2025 से पूरे प्रदेश में प्रभावी होगी। यह दर अनुसूची राज्य में जल संसाधन से संबंधित निर्माण कार्यों—जैसे बांध, नहर, स्टॉपडेम, एनीकट, सीमेंट कांक्रीट लाइनिंग, पाइप नेटवर्क आदि—के लिए लागत और तकनीकी मानकों को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई है।
क्यों जरूरी थी नई दर अनुसूची?
राज्य निर्माण के बाद वर्ष 2010 में जारी पिछली दर अनुसूची में 44 अध्याय थे, जिनमें निर्माण सामग्री, श्रम, मशीनरी आदि के दरों को शामिल किया गया था। लेकिन बीते 15 वर्षों में निर्माण क्षेत्र में तकनीकी परिवर्तन, मजदूरी, सामग्री और मशीनों की दरों में भारी वृद्धि हुई है। इसके चलते दरों का पुनर्निर्धारण जरूरी हो गया था।
अब यह नई दर अनुसूची वर्तमान तकनीकों और स्थानीय बाजार दरों के अनुरूप तैयार की गई है, जिससे लागत का अधिक यथार्थ और पारदर्शी अनुमान संभव हो सकेगा।
नई दर अनुसूची की विशेषताएं
1. राष्ट्रीय मानकों पर आधारित: दर निर्धारण के लिए ‘स्टैंडर्ड डेटा यूनिट एनालिसिस मेथड’ का उपयोग किया गया है, जो मध्यप्रदेश, कर्नाटक, ओडिशा व आंध्रप्रदेश जैसे राज्यों में भी प्रचलित है।
2. स्थानीय बाजार पर आधारित मूल्यांकन: दर विश्लेषण में सामग्री, श्रमिक, मशीनरी, ईंधन, ठेकेदार लाभ और ओवरहेड्स को शामिल किया गया है। यह छत्तीसगढ़ के बाजार मूल्य के अनुरूप है।
3. सरल बीओक्यू निर्माण: पहले टेंडर प्रक्रिया में विभिन्न मदों की क्लबिंग आवश्यक थी, लेकिन अब अधिकांश वस्तुएं सीधे BOQ (Bill of Quantities) में सम्मिलित की जा सकती हैं, जिससे प्रक्रिया सरल होगी।
4. तकनीकी समावेशन: जिओटेक्निकल इन्वेस्टिगेशन, लिडार फोटोग्रामेट्री, बेथिमेट्रिक सर्वे, हाइड्रोलॉजिकल विश्लेषण, वाटर क्वालिटी टेस्टिंग आदि को भी इस दर अनुसूची में शामिल किया गया है।
5. अन्य विभागों के समन्वय से कार्यान्वयन: भवन निर्माण, सड़क, पाईपलाइन जैसे कार्यों के लिए संबंधित विभागों की दर अनुसूची से काम लिया जाएगा, जिससे दरों में भिन्नता समाप्त होगी।
6. RTDAS का समावेश: राज्यभर में स्थापित स्वचालित रेनगेज, वाटर लेवल रिकॉर्डर और अन्य जलमापी उपकरणों की स्थापना व संधारण की दरें भी सम्मिलित की गई हैं।
7. जल प्रबंधन और भविष्य की योजना: 24 बांधों पर सेडिमेंटेशन सर्वे पूर्ण किया जा चुका है और 14 प्रस्तावित हैं, जिनमें बेथिमेट्रिक सर्वे से जलधारण क्षमता का मूल्यांकन संभव हो सकेगा।
8. स्थानीय अधिकारियों की भूमिका: इस पूरी प्रक्रिया में नव नियुक्त सहायक अभियंताओं ने प्रमुख अभियंता श्री इंद्रजीत उइके और अधीक्षण अभियंता श्री आलोक अग्रवाल के मार्गदर्शन में कार्य किया।
क्या बदलेगा इस नई दर अनुसूची से?
ठेकेदारों के लिए वित्तीय जोखिम कम होगा और निर्माण की गुणवत्ता में सुधार की संभावना बढ़ेगी।
निर्माण कार्यों की गति बढ़ेगी, जिससे विभागीय बजट के तहत स्वीकृत नई योजनाओं का त्वरित क्रियान्वयन संभव होगा।
प्रौद्योगिकी आधारित योजनाओं को पारदर्शी और प्रतिस्पर्धी रूप में लागू किया जा सकेगा।
जल संसाधन मंत्री केदार कश्यप ने इस अवसर पर कहा कि, “राज्य की भौगोलिक और जलवायु परिस्थितियों के अनुरूप योजना और तकनीक का मेल जरूरी है। यह नई दर अनुसूची उसी दिशा में एक ठोस कदम है, जो छत्तीसगढ़ को जल प्रबंधन और निर्माण कार्यों में आत्मनिर्भर और आधुनिक बनाएगी।”