
TNR न्यूज़, रायपुर।
छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के छुरा विकासखंड से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां स्वास्थ्य सेवाओं की लापरवाही ने एक सात माह की गर्भवती महिला की जान ले ली। ग्राम खैरझिटी निवासी ममता गोंड (27 वर्ष) को शुक्रवार सुबह अचानक पेट में तेज दर्द उठा, जिसके बाद परिजनों ने तत्काल सहायता के लिए महतारी एक्सप्रेस 102 सेवा को कॉल किया। लेकिन आरोप है कि कई बार कॉल करने के बावजूद फोन रिसीव नहीं किया गया।
करीब दो घंटे की देरी से एंबुलेंस गांव पहुंची, जिसके बाद ममता को छुरा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। परिजनों का कहना है कि अस्पताल पहुंचने के बाद भी ममता जीवित थी और परिजनों से बातचीत कर रही थी। बावजूद इसके, आधे घंटे तक कोई भी डॉक्टर इलाज के लिए नहीं आया। इलाज में इस देरी के चलते ममता की हालत और बिगड़ गई और अंततः उसकी मौत हो गई।
घटना के बाद परिजनों का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने अस्पताल प्रशासन पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
इस मामले पर सफाई देते हुए चिकित्सक डॉ. डी.एस. निषाद ने बताया कि घटना के समय वे ओपीडी में अन्य मरीजों का इलाज कर रहे थे। जैसे ही इमरजेंसी की सूचना मिली, वे तत्काल मौके पर पहुंचे, लेकिन तब तक महिला की मृत्यु हो चुकी थी।
इस दुखद घटना ने छुरा क्षेत्र की स्वास्थ्य व्यवस्था पर कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। ग्रामीणों ने भी व्यवस्था में सुधार और जिम्मेदार कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है, ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदियां न दोहराई जाएं।