TNR न्यूज़, रायपुर। छत्तीसगढ़ की जेलों में एक अनोखी और आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण पहल देखने को मिली, जब राज्य की विभिन्न जेलों के कैदियों ने हरिद्वार महाकुंभ से लाए गए पवित्र गंगाजल से सामूहिक स्नान किया। इस विशेष आयोजन के तहत रायपुर सेंट्रल जेल सहित राज्य के 5 सेंट्रल जेल, 20 जिला जेल और 8 सब-जेलों में बंद कैदियों को गंगाजल से स्नान करने का अवसर मिला।
गृहमंत्री विजय शर्मा ने किया गंगाजल का प्रबंध
यह गंगाजल हाल ही में छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री विजय शर्मा द्वारा हरिद्वार महाकुंभ से विशेष रूप से लाया गया था। उन्होंने जेल प्रशासन को निर्देश दिया था कि राज्य की सभी जेलों में कैदियों को गंगाजल उपलब्ध कराकर उन्हें आध्यात्मिक शुद्धि का अवसर दिया जाए। इसके पीछे मुख्य उद्देश्य कैदियों को मानसिक और आत्मिक शांति प्रदान करना और उनके सुधार की प्रक्रिया को मजबूती देना था।
कैदियों ने जताई आध्यात्मिक शांति की उम्मीद
गंगाजल से स्नान करने के बाद कैदियों ने इसे एक आध्यात्मिक और मानसिक शांति देने वाला अनुभव बताया। उन्होंने कहा कि यह स्नान उनके लिए सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि आत्मचिंतन और आंतरिक शुद्धि का एक महत्वपूर्ण अवसर था। कई कैदियों ने इस आयोजन के बाद अपने आचार-व्यवहार में सुधार लाने और सकारात्मक जीवन अपनाने की इच्छा भी जताई।
जेल प्रशासन की विशेष व्यवस्था
इस आयोजन के लिए जेल प्रशासन ने विशेष व्यवस्थाएं की थीं। प्रत्येक जेल में साफ-सफाई और स्नान के लिए विशेष प्रबंध किए गए। जेल अधीक्षक और अन्य अधिकारियों ने व्यक्तिगत रूप से इस कार्यक्रम की देखरेख की और सुनिश्चित किया कि हर कैदी को गंगाजल से स्नान करने का अवसर मिले।
धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व
जेल अधिकारियों ने इस आयोजन को एक सकारात्मक पहल बताया और कहा कि इससे कैदियों के मन में धार्मिक और नैतिक मूल्यों को बढ़ावा मिलेगा। जेल प्रशासन का मानना है कि इस तरह के आध्यात्मिक कार्यक्रम कैदियों में मानसिक शांति लाने और उन्हें आत्मसुधार की दिशा में प्रेरित करने में सहायक हो सकते हैं।
कैदियों के सुधार की दिशा में एक अनूठा प्रयास
यह पहल केवल धार्मिक दृष्टिकोण से ही नहीं, बल्कि पुनर्वास और सुधार की प्रक्रिया के रूप में भी देखी जा रही है। जेलों में कैदियों को सुधारने के लिए समय-समय पर कई कार्यक्रम चलाए जाते हैं, जिनमें योग, ध्यान, सत्संग और आध्यात्मिक प्रवचन शामिल हैं। गंगाजल स्नान भी इसी श्रृंखला का एक हिस्सा माना जा रहा है, जिससे कैदियों को एक नई ऊर्जा और सकारात्मकता प्राप्त हो सके।
कैदियों ने जताया आभार
इस कार्यक्रम के बाद कई कैदियों ने राज्य सरकार और जेल प्रशासन के प्रति आभार व्यक्त किया और कहा कि इस तरह के धार्मिक एवं आध्यात्मिक आयोजनों से उन्हें आंतरिक शांति और आत्मविश्लेषण का अवसर मिलता है।
निष्कर्ष
छत्तीसगढ़ की जेलों में हुआ यह आयोजन आध्यात्मिक शुद्धि और सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। जेल प्रशासन को उम्मीद है कि इस पहल से कैदियों में सकारात्मक परिवर्तन आएगा और वे अपने जीवन को नए सिरे से समझने और सुधारने की दिशा में आगे बढ़ेंगे।