
TNR न्यूज़, रायपुर।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज मंत्रालय महानदी भवन में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की व्यापक समीक्षा करते हुए स्पष्ट संदेश दिया कि राज्य के अंतिम व्यक्ति तक विकास पहुँचाना उनकी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि पंचायतें विकास यात्रा की पहली कड़ी हैं, इसलिए इन्हें सशक्त बनाना बेहद जरूरी है।
मुख्यमंत्री साय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हर गरीब परिवार को पक्का आवास दिलाने के संकल्प को साकार करने के लिए तेज गति से कार्य करने के निर्देश दिए। “मोर दुआर-साय सरकार” अभियान के तहत 20 लाख से अधिक परिवारों के सर्वेक्षण पूर्ण होने पर उन्होंने संतोष जताया और प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत स्वीकृत आवासों के त्वरित निर्माण पर बल दिया। उन्होंने विशेष पिछड़ी जनजाति परिवारों के लिए स्वीकृत आवासों की सतत निगरानी और रियल टाइम ट्रैकिंग सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए।
रोजगार और जल प्रबंधन को प्राथमिकता
मनरेगा कार्यों की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने अधिक से अधिक रोजगार सृजन और कार्यों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने को कहा। “मोर गांव मोर पानी” महाअभियान के लिए भू-जल पुनर्भरण और जलग्रहण विकास में GIS तकनीक के उपयोग का निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि जल संरक्षण राज्य की दीर्घकालीन रणनीति का हिस्सा है।
ग्रामीण युवाओं के लिए नए अवसर
नियद नेल्लानार योजना के अंतर्गत बस्तर संभाग की ग्राम पंचायतों में 6,324 नए जॉब कार्ड बनाए गए हैं और पहली बार 3,134 ग्रामीणों को मनरेगा के माध्यम से रोजगार मिला है। मुख्यमंत्री ने इस उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए नियद नेल्लानार योजना में शामिल युवाओं के लिए भ्रमण कार्यक्रम चलाए जाने की सराहना की और इसे जारी रखने के निर्देश दिए।
ग्रामीण संपर्क और सड़कों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के कार्यों की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री साय ने कहा कि ग्रामीण अंचलों को मुख्य सड़कों से जोड़ना ग्रामीण विकास का अहम हिस्सा है। उन्होंने निर्माण और रखरखाव कार्यों को समयसीमा में और उच्च गुणवत्ता के साथ पूर्ण करने के निर्देश दिए। राज्य में अब तक 42 हजार किलोमीटर से अधिक सड़कें इस योजना के तहत बन चुकी हैं।
‘लखपति दीदी’ पहल से महिलाएं बनीं आत्मनिर्भर
बैठक में छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के कार्यों की भी समीक्षा की गई। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री के “लखपति दीदी” संकल्प के अनुरूप, राज्य की ग्रामीण महिलाओं को स्व-सहायता समूहों के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। कृषि, पशुपालन, उद्यानिकी और अन्य नवाचार गतिविधियों के जरिये ग्रामीण महिलाओं की आय में उल्लेखनीय वृद्धि हो रही है।
स्वच्छता के क्षेत्र में भी तेजी
स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) की प्रगति की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन तथा जन-जागरूकता अभियानों पर जोर दिया। उन्होंने खुले में शौच से मुक्त गांवों की संख्या बढ़ाने और अन्य राज्यों की श्रेष्ठ स्वच्छता प्रथाओं को छत्तीसगढ़ में लागू करने के निर्देश दिए।
तकनीक और नवाचार होंगे विकास की धुरी
मुख्यमंत्री ने आगामी कार्ययोजनाओं में प्रौद्योगिकी निगरानी प्रणाली, संसाधन प्रबंधन, योजना समन्वय और त्वरित लक्ष्य पूर्ति को प्राथमिकता देने की बात कही। उन्होंने पंचायती राज प्रतिनिधियों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने के लिए उत्कृष्ट कार्य करने वालों को सम्मानित करने की योजना पर भी चर्चा की।