
आज का पंचांग, 4 मई 2025:
पंचांग (Panchang) हिंदू कैलेंडर का एक महत्वपूर्ण भाग है, जो किसी भी दिन के शुभ-अशुभ समय, ग्रहों की स्थिति और धार्मिक घटनाओं की जानकारी देता है। यह वैदिक ज्योतिष पर आधारित होता है और इसे पांच प्रमुख अंगों से मिलकर बनाया जाता है।
वैशाख शुक्ल अष्टमी तिथि और पुष्य नक्षत्र का शुभ संयोग आज के दिन को विशेष बना रहा है। आइए जानें आज का सम्पूर्ण पंचांग, शुभ-अशुभ मुहूर्त और व्रत-त्योहार की जानकारी।
तिथि: अष्टमी (शुक्ल पक्ष) — प्रारंभ: 11:28 AM से, समाप्ति: 5 मई को 09:01 AM तक
नक्षत्र: पुष्य — रात 09:50 PM तक, फिर आश्रेषा
योग: व्यतीपात — रात 08:44 PM तक, फिर वरीयन
करण: गर — 11:28 AM तक, फिर वणिज
वार: रविवार
चंद्रमा की स्थिति: मिथुन राशि में
सूर्योदय: सुबह 05:37 बजे
सूर्यास्त: शाम 06:52 बजे
आज के प्रमुख व्रत और पर्व
दुर्गाष्टमी व्रत: शक्ति की आराधना का दिन। दुर्गा सप्तशती का पाठ, दुर्गा पूजन, व्रत व कन्या पूजन आज किया जाता है।
रविवार व्रत: सूर्यदेव की उपासना से स्वास्थ्य, तेज और मान-सम्मान में वृद्धि होती है।
पुष्य नक्षत्र योग: खरीदारी, निवेश, औषधि सेवन और स्वर्ण-भंडारण के लिए विशेष शुभ काल।
शुभ मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त: 04:06 AM – 04:52 AM (ध्यान और जप के लिए सर्वोत्तम)
अभिजीत मुहूर्त: 11:52 AM – 12:44 PM (कार्य प्रारंभ के लिए विशेष शुभ)
गोधूलि मुहूर्त: 06:38 PM – 06:58 PM (पूजा, दीया-प्रज्वलन के लिए शुभ)
पुष्य नक्षत्र में शुभ निवेश: सुबह 07:00 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक का समय अत्यंत शुभ माना गया है।
अशुभ काल
राहुकाल: 05:15 PM – 06:52 PM
गुलिक काल: 03:32 PM – 05:09 PM
यमघण्ट: 12:17 PM – 01:54 PM
इन समयों में कोई भी नया या शुभ कार्य प्रारंभ करने से बचना चाहिए।
आज का विशेष महत्व
आज का दिन शक्ति उपासना और सौभाग्य व धन वृद्धि के लिए विशेष माना गया है।
पुष्य नक्षत्र को नक्षत्रों का राजा कहा जाता है, और जब यह रविवार के दिन आता है तो इसे “रवि पुष्य योग” का अत्यंत शुभ फल मिलता है। यह दिन निवेश, नया व्यापार, संपत्ति क्रय या कीमती वस्तु खरीदने के लिए अत्यंत लाभकारी होता है।