TNR न्यूज़, रायपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस महासचिव भूपेश बघेल के भिलाई स्थित आवास पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम ने सोमवार सुबह छापा मारा। इस दौरान करीब 11 घंटे तक ईडी की टीम ने बघेल से पूछताछ की और कई अहम दस्तावेज जब्त किए। पूछताछ के बाद जब भूपेश बघेल घर से बाहर आए, तो कांग्रेस कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने उनका जोरदार स्वागत किया और “भूपेश बघेल जिंदाबाद” व “भाजपा तेरी तानाशाही नहीं चलेगी” जैसे नारे लगाए।
ईडी की जांच और छापेमारी में क्या हुआ?
सूत्रों के अनुसार, बघेल के आवास पर बड़ी मात्रा में नगदी होने की सूचना के बाद ईडी और बैंक के अधिकारी नोट गिनने की मशीन लेकर पहुंचे। 6 मोबाइल फोन जब्त किए गए और डिजिटल ट्रांजेक्शन की जांच की जा रही है। इसके अलावा, बघेल के बेटे चैतन्य बघेल से भी ईडी की टीम पूछताछ कर रही है।
बघेल के समर्थन में कांग्रेस नेताओं का जमावड़ा
ईडी की इस कार्रवाई के विरोध में कांग्रेस के कई बड़े नेता और कार्यकर्ता भूपेश बघेल के घर के बाहर इकट्ठा हुए। पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव, विधायक देवेंद्र यादव, अरुण वोरा, गिरीश देवांगन, विनोद वर्मा समेत एनएसयूआई और युवा कांग्रेस के कार्यकर्ता मौके पर मौजूद रहे और नारेबाजी करते रहे।
किन मामलों में हो रही जांच?
ईडी की यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग और आर्थिक अनियमितताओं से जुड़े मामलों को लेकर की जा रही है। हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि छापेमारी किस विशेष मामले से जुड़ी हुई है। बताया जा रहा है कि शराब घोटाला, कोयला घोटाला और महादेव सट्टा ऐप से जुड़े मामलों में भूपेश बघेल का नाम सामने आया था, जिसके बाद वे ईडी के रडार पर आए।
भूपेश बघेल ने ईडी की कार्रवाई को बताया ‘षड्यंत्र’
ईडी की कार्रवाई पर प्रतिक्रिया देते हुए भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा,
“सात वर्षों से चले आ रहे झूठे केस को जब अदालत ने खारिज कर दिया, तो अब ईडी को भेजा गया है। यह एक राजनीतिक षड्यंत्र है। अगर इससे कोई पंजाब में कांग्रेस को रोकने की कोशिश कर रहा है, तो यह गलतफहमी है।”
भाजपा का पलटवार
इस मामले पर भाजपा ने भी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी नेताओं का कहना है कि “अगर भूपेश बघेल निर्दोष हैं, तो जांच से डर क्यों?” भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि ईडी की जांच में सब कुछ साफ हो जाएगा और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
क्या है आगे की रणनीति?
भूपेश बघेल और कांग्रेस इसे राजनीतिक प्रतिशोध करार दे रहे हैं, जबकि ईडी जांच को आगे बढ़ा रही है। इस मामले में आगे की कार्रवाई पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं।