आज का पंचांग: 4 मार्च 2025, मंगलवार4 मार्च 2025, मंगलवार का दिन विशेष रूप से धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। हिंदू पंचांग के अनुसार, आज फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि है, जो दोपहर 03:16 PM तक रहेगी। इस दिन भगवान कार्तिकेय की पूजा-अर्चना करने से सुख-समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं आज के शुभ-अशुभ मुहूर्त, नक्षत्र और योग की विस्तृत जानकारी।
आज का पंचांग (Aaj Ka Panchang)
तिथि: पंचमी (03:16 PM तक)
वार: मंगलवार
पक्ष: शुक्ल पक्ष
चंद्रमास: फाल्गुन (पूर्णिमांत एवं अमांत)
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
सूर्योदय: प्रातः 06:43 AM
सूर्यास्त: सायं 06:23 PM
चंद्रोदय और चंद्रास्त का समय
चंद्रोदय: प्रातः 09:18 AM
चंद्रास्त: रात्रि 11:21 PM
आज का नक्षत्र (Nakshatra)
भरणी नक्षत्र – अगले दिन 05 मार्च को 02:37 AM तक रहेगा।
आज के करण (Karan)
बालव करण – दोपहर 03:16 PM तक
कौलव करण – अगले दिन 05 मार्च को 02:01 AM तक
आज का योग (Yoga)
इन्द्र योग – अगले दिन 05 मार्च को 02:07 AM तक
आज के शुभ मुहूर्त (Aaj Ke Shubh Muhurat)
आज के दिन कुछ महत्वपूर्ण शुभ मुहूर्त पड़ रहे हैं, जिनका उपयोग पूजा-पाठ, नए कार्यों की शुरुआत और अन्य शुभ कार्यों के लिए किया जा सकता है।
अभिजित मुहूर्त: दोपहर 12:10 PM से 12:56 PM
विजय मुहूर्त: दोपहर 02:30 PM से 03:16 PM
ब्रह्म मुहूर्त: प्रातः 05:04 AM से 05:54 AM
निशीथ मुहूर्त: रात्रि 12:08 AM (5 मार्च) से 12:57 AM (5 मार्च) तक
आज के अशुभ मुहूर्त (Aaj Ke Ashubh Muhurat)
कुछ समय ऐसे भी होते हैं जिन्हें अशुभ माना जाता है और इन समयों में महत्वपूर्ण कार्यों को टालने की सलाह दी जाती है।
दुर्मुहूर्त:
प्रातः 09:03 AM से 09:50 AM
रात्रि 11:18 PM से 12:08 AM (5 मार्च)
राहुकाल: दोपहर 03:28 PM से 04:55 PM
यमगण्ड काल: प्रातः 09:38 AM से 11:05 AM
आज का विशेष पर्व: स्कन्द षष्ठी (Skanda Sashti)
आज भगवान कार्तिकेय की पूजा का विशेष दिन है। स्कन्द षष्ठी का पर्व भगवान शिव के पुत्र मुरुगन (कार्तिकेय) की आराधना के लिए समर्पित होता है। इस दिन उपवास रखने और भगवान कार्तिकेय की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि और सफलता का संचार होता है। विशेष रूप से तमिलनाडु, केरल और दक्षिण भारत के अन्य हिस्सों में इस व्रत का विशेष महत्व है।
आज का ज्योतिषीय प्रभाव और उपाय
मंगलवार का दिन हनुमान जी को समर्पित होता है, इसलिए आज हनुमान चालीसा का पाठ और चमेली के तेल का दीपक जलाने से जीवन की बाधाएं दूर होती हैं।
राहुकाल में कोई भी महत्वपूर्ण कार्य शुरू करने से बचना चाहिए क्योंकि यह अशुभ समय माना जाता है।
स्कन्द षष्ठी पर भगवान कार्तिकेय की पूजा करने से शत्रु बाधा दूर होती है और मनोकामनाएं पूरी होती हैं।