TNR न्यूज़, रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने भारतमाला परियोजना के मुआवजा वितरण में करोड़ों के भ्रष्टाचार को लेकर बड़ी कार्रवाई की है। इस मामले में राज्य प्रशासनिक सेवा (RaPrSe) के अधिकारी निर्भय कुमार साहू को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। साहू वर्तमान में नगर निगम आयुक्त, जगदलपुर के पद पर तैनात थे, लेकिन अभनपुर भारतमाला परियोजना में मुआवजा घोटाले में संलिप्तता पाए जाने के बाद यह कड़ा कदम उठाया गया है।
क्या है पूरा मामला?
अभनपुर क्षेत्र में रायपुर-विशाखापत्तनम इकॉनमिक कॉरिडोर के तहत भारतमाला परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण किया गया था। उस दौरान निर्भय कुमार साहू अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) एवं सक्षम प्राधिकारी भू-अर्जन के रूप में तैनात थे। आरोप है कि उन्होंने वास्तविक मुआवजा से अधिक राशि का भुगतान किया, जिससे निजी भूस्वामियों को करोड़ों का फायदा हुआ।
जांच में सामने आया कि नायकबांधा और उस्ला गांव के 42 प्लॉटों को 242 छोटे टुकड़ों में बांटा गया, ताकि अधिक मुआवजा लिया जा सके। वास्तविक रूप से इन 42 प्लॉटों के लिए 35 करोड़ रुपये मुआवजा बनता था, लेकिन प्रशासनिक मिलीभगत से 248 करोड़ रुपये जारी किए गए। इसके बाद 78 करोड़ रुपये का अतिरिक्त क्लेम भी डाला गया।
कैसे खुला घोटाले का पर्दाफाश?
मुआवजा वितरण में अनियमितता की शिकायत नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) तक पहुंची। जब 248 करोड़ रुपये जारी करने के बाद 78 करोड़ का और क्लेम डाला गया, तो NHAI के अफसरों को शक हुआ। उन्होंने मामले की जानकारी शीर्ष अधिकारियों तक पहुंचाई, जिसके बाद NHAI के चीफ विजिलेंस ऑफिसर ने रायपुर कलेक्टर को जांच के निर्देश दिए।
हालांकि, यह जांच कई सालों तक पेंडिंग रही। अंततः दिल्ली से दबाव पड़ने के बाद जांच रिपोर्ट तैयार कर राजस्व सचिव को सौंपी गई। रिपोर्ट में पाया गया कि मूल मुआवजा 35 करोड़ रुपये बनता था, लेकिन 213 करोड़ रुपये अतिरिक्त जारी किए गए।
निर्भय कुमार साहू पर क्या आरोप लगे?
राज्य सरकार द्वारा की गई जांच में पाया गया कि निर्भय कुमार साहू ने—
भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया में भारी अनियमितताएं कीं।
वास्तविक मुआवजा राशि से कई गुना अधिक राशि वितरित की।
अपने अधीनस्थ कर्मचारियों की कार्यवाही की समुचित निगरानी नहीं की।
छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 के नियम 3(1)(क), 3(1)(ख) और 3(2)(क) का उल्लंघन किया।
क्या कार्रवाई हुई?
छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम, 1966 के नियम 9(1)(क) के तहत निर्भय कुमार साहू को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
क्या आगे और होगी कार्रवाई?
सरकार ने संकेत दिए हैं कि इस घोटाले में शामिल अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों पर भी जल्द कार्रवाई हो सकती है। अब सवाल यह है कि—
213 करोड़ के इस घोटाले में और कौन-कौन संलिप्त हैं?
क्या अन्य अधिकारियों की भूमिका की भी जांच होगी?
क्या घोटाले की रकम की रिकवरी होगी?
इस हाई-प्रोफाइल मामले की जांच अब राजस्व सचिव के स्तर पर आगे बढ़ रही है, और आने वाले दिनों में और बड़े खुलासे हो सकते हैं।