रायपुर, 19 सितंबर 2025 : शासकीय दूधाधारी बजरंग महिला स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय, रायपुर के हिंदी विभाग द्वारा आज हिंदी पखवाड़ा के अंतर्गत एक व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रख्यात साहित्यकार डॉ. सत्यभामा आडिल ने की।
अपने संबोधन में डॉ. आडिल ने हिंदी भाषा की स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि हिंदी को केवल साहित्य की भाषा न मानकर राष्ट्रभाषा के रूप में स्थापित करने के प्रयास होने चाहिए। उन्होंने कहा, “हिंदी दिवस केवल एक दिन न मनाएं, बल्कि हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने में सक्रिय योगदान दें। भाषा जोड़ने का कार्य करती है, तोड़ने का नहीं। क्षेत्रीय भाषाओं के साथ हिंदी का सम्मान और प्राथमिकता आवश्यक है।”
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भाषाविद् डॉ. चित्तरंजन कर ने भाषा के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि सभी भाषाओं का सम्मान जरूरी है। उन्होंने कहा कि गलतियों से ही सीख मिलती है और संघर्ष ही हमें लक्ष्य तक पहुंचाता है। डॉ. कर ने अपने काव्य-पाठ के माध्यम से श्रोताओं को गाँव और अपनी जड़ों से जोड़ने का संदेश दिया।
महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. किरण गजपाल ने अपने संदेश में हिंदी दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हिंदी भाषा का प्रचार-प्रसार हम सबकी जिम्मेदारी है। अंग्रेजी विभागाध्यक्ष डॉ. जया तिवारी ने भाषण की शुद्धता और एकरूपता पर बल देते हुए कहा कि वक्तव्य देते समय केवल एक भाषा का प्रयोग करें और उसे शुद्ध रखें।
हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. कल्पना मिश्रा ने स्वागत उद्बोधन में कहा कि सरल भाषा में अभिव्यक्ति करना कठिन जरूर है, लेकिन हिंदी सबसे सहज और प्रभावी माध्यम है।
कार्यक्रम का संचालन मंजू कोचे ने किया। इस अवसर पर छात्राओं मनीषा ठाकुर, लक्ष्मी पटेल, जुलेश्वरी, रिमझिम और गीतांजलि ने गीत व भाषण प्रस्तुत किए।
हिंदी पखवाड़ा के अंतर्गत आयोजित पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता में रजनी लकरा ने प्रथम, वीणा ने द्वितीय और लक्ष्मी व गुरुबानी ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।
कार्यक्रम में हिंदी विभाग की प्राध्यापिकाएं डॉ. किरण शर्मा, डॉ. दुर्पत मिरी, डॉ. आरती उपाध्याय सहित महाविद्यालय की प्राध्यापिकाएं डॉ. प्रीति कंसारा, डॉ. अनिता दीक्षित, डॉ. रागिनी पांडेय, डॉ. रितु मारवाह, डॉ. प्रीति जायसवाल, कविता ठाकुर, संध्या ठाकुर एवं अन्य संकाय सदस्य तथा शोधार्थी एवं छात्राएं बड़ी संख्या में उपस्थित रहीं।
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