TNR न्यूज़, भिलाई। छत्तीसगढ़ में भूपेश सरकार के समय शुरू की गई गौठान योजना के तहत बनाए गए गौठानों की स्थिति पर लगातार सवाल उठते रहे हैं। आए दिन यहां मवेशियों की भूख, बीमारी और सुरक्षा की कमी के कारण मौत की घटनाएं सामने आ रही हैं। ताजा मामला भिलाई नगर गौठान का है, जहां छह बछड़ों को आवारा कुत्तों ने नोच-नोच कर मार डाला।
मामले को दबाने की कोशिश?
घटना की जानकारी मिलते ही नगर निगम के अधिकारियों ने तुरंत मौके पर पहुंचकर बछड़ों के शवों को हटवा दिया। हालांकि, गौ सेवकों को जब इस घटना की खबर लगी, तो उन्होंने भिलाई नगर निगम कमिश्नर से मुलाकात कर सख्त कार्रवाई की मांग की। गौ सेवकों ने निगम से अनुरोध किया कि—
1. आवारा कुत्तों को पकड़ने और उनकी नसबंदी की प्रक्रिया तेज की जाए।
2. गौठान में मवेशियों के लिए पर्याप्त चारा-पानी और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएं।
कभी था आदर्श गौठान, अब भगवान भरोसे
भिलाई नगर रेलवे स्टेशन के पास नेशनल हाइवे किनारे स्थित यह गौठान कभी एक आदर्श गौठान माना जाता था। इसका क्षेत्रफल बड़ा होने के कारण यहां बर्मी कम्पोस्ट खाद, हर्बल गुलाल, रंग और अन्य उत्पादों के निर्माण के लिए महिला समूह कार्यरत था। लेकिन वर्तमान में देखरेख की भारी कमी के चलते गौठान बदहाल स्थिति में पहुंच चुका है।
स्थानीय लोग और गौ सेवक नगर निगम प्रशासन की लापरवाही को इस घटना के लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। उनका कहना है कि अगर निगम ने समय रहते सुरक्षा और देखभाल की उचित व्यवस्था की होती, तो बछड़ों की जान नहीं जाती।
प्रशासन पर उठ रहे सवाल
गौठान योजना के अंतर्गत बने कई गौठानों में इस तरह की घटनाएं पहले भी सामने आई हैं, लेकिन प्रशासन की निष्क्रियता के चलते स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ। अब देखना होगा कि नगर निगम इस मामले में क्या ठोस कदम उठाता है या फिर यह मामला भी अन्य घटनाओं की तरह ठंडे बस्ते में चला जाएगा।