TNR न्यूज़, पंचांग: 19 सितंबर 2025, शुक्रवार।
पंचांग (Panchang) हिंदू कैलेंडर का एक महत्वपूर्ण भाग है, जो किसी भी दिन के शुभ-अशुभ समय, ग्रहों की स्थिति और धार्मिक घटनाओं की जानकारी देता है। यह वैदिक ज्योतिष पर आधारित होता है और इसे पांच प्रमुख अंगों से मिलकर बनाया जाता है।
तिथि – कृष्ण पक्ष त्रयोदशी, आरंभ 18 सितंबर रात 11:24 से, समाप्ति 19 सितंबर रात 11:37 पर
वार – शुक्रवार
नक्षत्र – आश्लेषा सुबह तक, फिर मघा आरंभ
योग – सिद्ध योग पूरे दिन प्रभावी
करण – गरज, वणिज आदि क्रमशः
आयन/संवत – दक्षिणायन, शरद ऋतु, विक्रम संवत 2082, शक संवत 1947
व्रत, पर्व व विशेष
शुक्र प्रादोष व्रत – संध्या समय शिवजी की आराधना विशेष फलदायी।
मासिक शिवरात्रि – रात्रि में शिव पूजन से मनोवांछित सिद्धि मिलती है।
मघा श्राद्ध – पितरों के तर्पण व पिंडदान हेतु उत्तम दिन।
शुभ मुहूर्त
प्रादोष पूजा काल – शाम लगभग 6:20 से 8:40 बजे तक
सिद्ध योग – दिनभर मांगलिक व धार्मिक कार्यों के लिए अनुकूल
अभिजीत मुहूर्त – दोपहर लगभग 12:02 से 12:48 तक
अशुभ काल
राहुकाल – सुबह 10:30 से 12:00 बजे तक
गुलिक काल – प्रातः 7:30 से 9:00 बजे तक
यमगण्ड – दोपहर 3:00 से 4:30 बजे तक
सार
19 सितंबर 2025 को त्रयोदशी तिथि पर सिद्ध योग का प्रभाव शुभ फल देगा। शिव उपासना, व्रत-पूजन और पितृ कार्यों के लिए यह दिन अत्यंत उत्तम माना गया है। केवल राहुकाल व यमगण्ड काल से बचकर कार्य आरंभ करना उचित रहेगा।
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