27 फरवरी 2025: पंचांग, शुभ-अशुभ मुहूर्त और व्रत-त्योहार की संपूर्ण जानकारी

📜 राष्ट्रीय मिति एवं संवत्सर विवरण:

राष्ट्रीय मिति: फाल्गुन 08, शक संवत 1946

विक्रम संवत: 2081

सौर मास: फाल्गुन मास प्रविष्टे 16

मुस्लिम कैलेंडर: शब्बान 29, हिजरी 1446

अंग्रेजी तारीख: 27 फरवरी 2025, गुरुवार

🌞 सूर्य और चंद्रमा की स्थिति:

सूर्य की स्थिति: उत्तरायण, दक्षिण गोल, बसंत ऋतु

चंद्रमा का गोचर: कुंभ राशि पर संचार

📅 तिथि एवं नक्षत्र:

चतुर्दशी तिथि समाप्ति: प्रातः 08:55 बजे

अमावस्या तिथि आरंभ: 08:55 बजे के बाद

नक्षत्र:

धनिष्ठा नक्षत्र अपराह्न 03:44 बजे तक

शतभिषा नक्षत्र का आरंभ इसके बाद

योग एवं करण:

योग:

शिव योग रात्रि 11:41 बजे तक

सिद्ध योग का आरंभ इसके बाद

करण:

शकुनि करण प्रातः 08:55 बजे तक

किस्तुघ्न करण का आरंभ इसके बाद

🌙 आज के व्रत एवं त्योहार:

फाल्गुन अमावस्या – धार्मिक दृष्टि से विशेष महत्व

अमावस्या तिथि का क्षय

🌅 सूर्योदय एवं सूर्यास्त का समय:

सूर्योदय: प्रातः 06:47 बजे

सूर्यास्त: सायं 06:19 बजे

🔹 आज के शुभ मुहूर्त:

ब्रह्म मुहूर्त: 05:08 AM से 05:58 AM

विजय मुहूर्त: 02:29 PM से 03:15 PM

निशीथ काल: 12:09 AM से 12:58 AM (रात)

गोधूलि बेला: 06:17 PM से 06:42 PM

अमृत काल: 06:47 AM से 08:14 AM

🔸 आज के अशुभ मुहूर्त:

राहुकाल: 01:30 PM से 03:00 PM

गुलिक काल: 09:00 AM से 10:30 AM

यमगंड काल: 06:00 AM से 07:30 AM

दुर्मुहूर्त काल: 10:39 AM से 11:25 AM

पंचक काल: पूरे दिन रहेगा

🌟 ज्योतिषीय विशेषता एवं उपाय:

फाल्गुन अमावस्या का विशेष महत्व होता है। इस दिन दान-पुण्य और पितृ तर्पण करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। पंचक काल के चलते नए कार्य शुरू करने से बचना चाहिए। राहुकाल और गुलिक काल में किसी भी शुभ कार्य को टालना उचित रहेगा।

आज के दिन विशेष उपाय:

अमावस्या के दिन पितरों के निमित्त जल अर्पित करें।

शिव योग के कारण शिवलिंग पर जल और बेलपत्र अर्पित करें।

राहुकाल में कोई महत्वपूर्ण निर्णय लेने से बचें।

धन वृद्धि के लिए अमावस्या की रात में पीपल के पेड़ के नीचे दीप जलाएं।

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