इतिहास: क्यों आज का दिन इतिहास में है महत्वपूर्ण? पाकिस्तान ने भारत पर…TNR न्यूज़

 

 

TNR न्यूज़, 18 सितंबर: इतिहास के पन्नों से

इतिहास में 18 सितंबर कई अहम घटनाओं का साक्षी रहा है। भारत के राजनीतिक बदलाव से लेकर साहित्यिक जन्मदिवस और वैश्विक घटनाओं तक, इस दिन ने समय की धारा को नई दिशा दी।

 

भारत में 18 सितंबर को हुई प्रमुख घटनाएँ

1803 – ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने पुरी पर कब्ज़ा किया, जिससे उड़ीसा क्षेत्र पर उनका नियंत्रण और मजबूत हुआ।

1948 – हैदराबाद का भारत में विलय: “ऑपरेशन पोलो” के अंतिम दिन निज़ाम की सेना ने आत्मसमर्पण किया और रियासत भारतीय संघ का हिस्सा बनी।

1967 – नागालैंड ने अंग्रेज़ी को आधिकारिक भाषा घोषित किया, प्रशासनिक कामकाज को सरल बनाने के लिए।

2003 – भारत-बांग्लादेश बस सेवा (धाका-अगरतला) की शुरुआत, पूर्वोत्तर राज्यों और बांग्लादेश के बीच संपर्क बढ़ा।

2016 – उरी आतंकी हमला: जम्मू-कश्मीर के उरी सेक्टर में आतंकियों ने सेना के शिविर पर हमला कर 18 जवानों को शहीद किया।

 

विश्व इतिहास की महत्वपूर्ण घटनाएँ

1851 – न्यूयॉर्क टाइम्स का पहला संस्करण प्रकाशित, जिसने आधुनिक पत्रकारिता की दिशा तय की।

1931 – मुक़्देन घटना: जापानी सेना ने मंज़ूरिया पर कब्ज़े की शुरुआत की।

1934 – सोवियत संघ लीग ऑफ नेशंस का सदस्य बना।

1960 – त्रिनिदाद व टोबैगो, जमैका, रवांडा और अन्य देशों को संयुक्त राष्ट्र की सदस्यता मिली।

1961 – संयुक्त राष्ट्र महासचिव डैग हैमर्शोल्ड की कांगो संकट के दौरान विमान दुर्घटना में मृत्यु।

 

जन्मदिवस

1906 – काका हाथरसी, हिन्दी हास्य-व्यंग्य के विख्यात कवि व साहित्यकार।

1709 – सैम्युअल जॉनसन, अंग्रेज़ी साहित्यकार और शब्दकोशकार।

1950 – विष्णुवर्धन, कन्नड़ फिल्म अभिनेता।

1968 – उपेंद्र राव “उपेंद्र”, अभिनेता, निर्देशक व राजनीतिज्ञ।

1971 – लांस आर्मस्ट्रॉन्ग, अमेरिकी साइक्लिंग चैम्पियन।

 

 पुण्यतिथि

1992 – मोहम्मद हिदायतुल्लाह, भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश व कार्यकारी राष्ट्रपति।

1970 – जिमी हेंड्रिक्स, रॉक संगीत के महान गायक-गिटारिस्ट।

1180 – फ्रांस के राजा लुई सप्तम का निधन।

1995 – काका हाथरसी, हिन्दी हास्य के दिग्गज लेखक, इसी दिन 89 वर्ष की आयु में दिवंगत हुए।

2013 – वेलियाम भार्गवन, केरल के कम्युनिस्ट नेता।

 

 निष्कर्ष

18 सितंबर हमें याद दिलाता है कि इतिहास केवल बीते हुए पन्नों का संग्रह नहीं, बल्कि सीखने और प्रेरणा लेने का अवसर भी है। भारत के एकीकरण से लेकर साहित्यिक रचनाओं और वैश्विक घटनाओं तक, यह तारीख़ मानवीय प्रयास और बदलाव का प्रतीक है।

 

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