
TNR न्यूज – सुकमा। तेंदूपत्ता बोनस से जुड़े बहुचर्चित घोटाले की जांच के सिलसिले में एसीबी-ईओडब्ल्यू (ACB-EOW) की टीम ने गुरुवार सुबह सुकमा जिले में बड़ी कार्रवाई की। जांच एजेंसी की 10-13 सदस्यीय टीम ने CPI नेता मनीष कुंजाम सहित आठ समिति प्रबंधकों के घरों में एक साथ दबिश दी।
जिन प्रबंधकों के ठिकानों पर छापेमारी की गई, उनमें कोंटा के मोहम्मद शरीफ़ खान, पालाचलमा के सीएच वेंकट, फूलबगड़ी के राजशेखर पुराणिक, जगरगुंडा के रवि गुप्ता, मिशिगुडा के राजेश आयतु, एर्राबोर के मितेंद्र सिंह राजू, पेदाबोडकेल के सुनील और जग्गावरम के मनोज कवासी शामिल हैं।
गौरतलब है कि इस घोटाले में पहले ही DFO अशोक पटेल को निलंबित किया जा चुका है। हाल ही में रायगढ़, जगदलपुर, दंतेवाड़ा और बीजापुर में भी इसी मामले में जांच एजेंसी द्वारा कार्रवाई की जा चुकी है। अधिकारियों की टीम इस पूरे प्रकरण की तह तक पहुंचने के लिए जांच कर रही है।
कौन हैं मनीष कुंजाम?
CPI नेता मनीष कुंजाम छत्तीसगढ़ की राजनीति में एक जाना-पहचाना नाम हैं। वे 1990 से 1998 तक अविभाजित मध्यप्रदेश के कोंटा विधानसभा क्षेत्र से विधायक रह चुके हैं। फरवरी 2024 में चुनाव चिह्न को लेकर नाराजगी जताते हुए उन्होंने CPI के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था, जिनमें राज्य सचिव और राष्ट्रीय परिषद की सदस्यता शामिल थी।
मार्च 2025 में नक्सलियों ने उनके ससुर कलमू हिड़मा की हत्या कर दी थी, जिस पर जमीन हड़पने का आरोप लगाया गया था। अब तेंदूपत्ता बोनस घोटाले में उनके घर हुई छापेमारी ने बस्तर अंचल में आदिवासी अधिकारों के लिए लड़ने वाले इस वरिष्ठ नेता की छवि पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
एसीबी-ईओडब्ल्यू की कार्रवाई के बाद पूरे बस्तर क्षेत्र में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। जांच एजेंसी आने वाले दिनों में और भी खुलासे कर सकती है।