
TNR न्यूज़, दिल्ली।
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की गिनती देश की सबसे चुनौतीपूर्ण परीक्षाओं में होती है, लेकिन बिहार के नवादा जिले के 25 वर्षीय रवि राज ने इस परीक्षा में 182वीं रैंक हासिल कर अपनी काबिलियत और हौसले का ऐसा परिचय दिया है, जो पूरे देश के लिए प्रेरणा बन गया है। खास बात यह है कि रवि दृष्टिहीन हैं, लेकिन उनकी मेहनत, लगन और परिवार का साथ उनके सबसे बड़े हथियार साबित हुए।
बचपन से थी दृष्टि बाधित, लेकिन जज़्बा अटूट
रवि राज जन्म से ही दृष्टिहीन हैं, परंतु उनके सपनों ने कभी धुंधलापन नहीं देखा। तेज स्मरण शक्ति और विषयों को गहराई से समझने की उनकी क्षमता ने उन्हें बाकी उम्मीदवारों से अलग पहचान दी। उनकी मां, विभा सिन्हा, न केवल एक मां थीं बल्कि उनकी सबसे बड़ी शिक्षक और सहयोगी भी बनीं। झारखंड के हजारीबाग जिले के चौपारण की रहने वाली विभा सिन्हा ने बेटे की पढ़ाई में अहम भूमिका निभाई। वे रवि को पढ़ाई का सारा कंटेंट सुनाकर याद करवाती थीं, जिससे रवि को हर विषय में मजबूत पकड़ मिली।
ऑनलाइन कोचिंग से मिली दिशा, मां से मिला साथ
रवि ने अपनी UPSC की तैयारी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से की और इस सफर में उन्हें मशहूर शिक्षक खान सर का मार्गदर्शन मिला। खान सर के वीडियो लेक्चर्स और कंटेंट को रवि की मां ने उनके लिए पढ़ा और समझाया, जिससे रवि ने हर विषय को गहराई से आत्मसात किया। यह टीमवर्क की एक शानदार मिसाल है – जहां एक मां बेटे के सपनों को अपने संकल्प से सींचती है।
गांव से निकलकर राजधानी तक का सफर
रवि की शिक्षा की शुरुआत उनके गांव से हुई। नवादा स्थित सीताराम साहू कॉलेज से स्नातक करने के बाद उन्होंने यूपीएससी की तैयारी में खुद को झोंक दिया। इंटरव्यू की तैयारी के लिए रवि कुछ समय दिल्ली भी गए, जहां उन्होंने विशेषज्ञों की मदद से खुद को और निखारा।
पहले BPSC में मिली सफलता, अब UPSC का सपना साकार
UPSC से पहले रवि ने बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की परीक्षा में भी सफलता पाई थी। लेकिन उनका असली सपना UPSC था, जिसे उन्होंने 2024 में पूरा कर दिखाया। 182वीं रैंक हासिल कर रवि ने यह साबित कर दिया कि अगर इच्छाशक्ति प्रबल हो, तो कोई भी कमी राह की रुकावट नहीं बन सकती।
रवि राज की सफलता न सिर्फ उनके लिए बल्कि पूरे देश के लिए एक संदेश है – शारीरिक सीमाएं मन की उड़ान को नहीं रोक सकतीं। यह कहानी उन लाखों छात्रों के लिए एक उम्मीद की किरण है जो विपरीत परिस्थितियों में भी सफलता का सपना देखते हैं।